नई दिल्ली/बीजिंग : अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर के बीच अब चीन ने भारत से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अल्टीमेटम के बाद चीन ने भारत से दोस्ती की पुरानी बातें दोहराते हुए कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील देशों को अब अमेरिका के टैरिफ दबाव का मिलकर मुकाबला करना चाहिए।
भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया पर कहा, “चीन और भारत के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंध पूरकता और पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं। अमेरिका टैरिफ का दुरुपयोग कर रहा है। इसका सामना करने के लिए भारत और चीन को एकजुट होना चाहिए।”
ट्रंप का सख्त अल्टीमेटम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर बीजिंग ने अपने टैरिफ बढ़ाने की योजना को वापस नहीं लिया तो अमेरिका चीन से आयातित सामान पर 50% तक अतिरिक्त शुल्क लगा देगा। इससे पहले ट्रंप ने 34% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की थी, जिसका जवाब चीन ने भी उसी अनुपात में अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाकर दिया।
चीन का पलटवार, फिर भारत की ओर दोस्ती का हाथ
ट्रंप की धमकी के बाद भी चीन झुकता नहीं दिख रहा है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “अमेरिका दबाव की नीति पर चलकर फिर वही पुरानी गलती कर रहा है। चीन इसका डटकर विरोध करेगा।” वहीं, कूटनीतिक स्तर पर चीन भारत के साथ नजदीकी बढ़ाने में जुट गया है।
हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत-चीन रणनीतिक साझेदारी के 75 वर्ष पूरे होने पर एक बयान जारी कर कहा था कि “दोनों देशों को अपनी दोस्ती और सहयोग को और गहरा करना चाहिए।”
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे इस व्यापारिक तनाव में अब चीन भारत को रणनीतिक साझेदार के रूप में देख रहा है। ऐसे में भारत के सामने एक कूटनीतिक संतुलन बनाने की चुनौती है – एक ओर व्यापारिक अवसर और वैश्विक मंच पर साझेदारी, दूसरी ओर अमेरिका के साथ पुराने संबंध। आने वाले दिनों में भारत का रुख इस पूरे घटनाक्रम में अहम भूमिका निभा सकता है।