नई दिल्ली:अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से होने जा रही है और इसका समापन 9 अगस्त तक होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन महीने में अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है और सावन पूर्णिमा तिथि पर अमरनाथ यात्रा का समापन होता है. 62 दिन चलने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए 14 अप्रैल से ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं.अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले श्रद्धालु की उम्र 13 साल से ज्यादा और 70 साल से कम होनी चाहिए. 12 से कम उम्र और 70 से अधिक उम्र वाले लोग यात्रा नहीं कर सकेते हैं. एडवांस रजिस्ट्रेशन के लिए 8 अप्रैल से या उसके बाद के स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बना होना चाहिए. 6 महीने की गर्भवती महिला श्रद्धालु भी अमरनाथ यात्रा कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए डॉक्टर का स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जरूर होना चाहिए.
इतने दिनों बाद शुरू हो रही यात्रा
बता दें कि इस बार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त यानी रक्षाबंधन तक चलेगी. इस बार ये यात्रा केवल 38 दिनों की होने वाली है जो बीते 10 सालों में इस बार की यात्रा सबसे कम दिनों की है. इच्छुक भक्त मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जम्मू कश्मीर बैंक शाखा, पंजाब नेशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में भी जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.इस साल अमरनाथ धाम यात्रा 3 जुलाई को दोनों मार्गों – अनंतनाग जिले में पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में बालटाल मार्ग के रास्ते एक साथ शुरू होगी. मार्च के शुरुआत में हुई एक बैठक में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं और सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की गई.
अमरनाथ गुफा का इतिहास हजारों साल पुराना है. यहां बर्फ के पानी की बूंदें लगातार टपकती रहती हैं, जिससे 10-12 फीट ऊंचे शिवलिंग का आकार होता है. बताया जाता कि अमरनाथ शिवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ घटती-बढ़ती रहती है. अमरनाथ गुफा श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अमरनाथ यात्रा का महत्व इसलिए है, क्योंकि इसी स्थान पर भगवान शिव ने पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था. इसी कारण इस ऐतिहासिक धार्मिक स्थल का लाखों लोग दर्शन करते हैं