नई दिल्ली : भारतीय सशस्त्र बलों ने हाल ही में शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इनमें कई उच्च-मूल्य वाले आतंकवादी सरगना जैसे यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद शामिल हैं। यह जानकारी रविवार को नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर मार्शल ए.के. भारती और वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने दी।
यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई थी। डीजीएमओ ने बताया कि बहु-एजेंसी खुफिया जानकारी के आधार पर नौ आतंकी ठिकानों की पहचान की गई, जिनमें बहावलपुर और मुरीदके जैसे प्रमुख आतंकी प्रशिक्षण शिविर शामिल थे। इन ठिकानों को सटीक हथियारों से नष्ट कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ और उसके 11 हवाई ठिकाने ध्वस्त हो गए।
पाकिस्तान ने इस हमले को “उकसावे वाली कार्रवाई” करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। हालांकि, दोनों देशों के बीच 10 मई को डीजीएमओ स्तर पर एक संघर्ष विराम समझौता हुआ था, जिसमें जमीनी, हवाई और समुद्री स्तर पर फायरिंग रोकने पर सहमति बनी थी। इसके बावजूद, पाकिस्तान की ओर से यूएवी (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) और छोटे ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करते रहे, जिन्हें भारतीय बलों ने सफलतापूर्वक रोक लिया। डीजीएमओ ने स्पष्ट किया कि भारतीय सशस्त्र बलों को किसी भी संघर्ष विराम उल्लंघन का जवाब देने के लिए अधिकृत किया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों और उनके प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट करना था। भारतीय सेना ने इस कार्रवाई में आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के ठिकानों को निशाना बनाया। डीजीएमओ ने कहा, “हमने सावधानीपूर्वक लक्ष्यों का चयन किया ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो। इस ऑपरेशन के जरिए हमने आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने और सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को रोकने का संदेश दिया है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन की सफलता पर भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति को दर्शाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य में भी आतंकी गतिविधियों का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
भारत ने साफ किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति पर कायम रहेगा। डीजीएमओ ने बताया कि भारतीय सेना सीमा पर चौकसी बढ़ाएगी और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए माइक्रोस्कोपिक स्कैनिंग की जाएगी। इसके साथ ही, भारतीय बलों ने गुरदासपुर और जम्मू में रडार सुविधाओं को मजबूत किया है ताकि भविष्य में ड्रोन हमलों को रोका जा सके।
इधर पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता ने दावा किया कि भारतीय हमलों में आम नागरिकों को निशाना बनाया गया। हालांकि, भारतीय सेना ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि सभी हमले आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे और सटीक हथियारों का उपयोग किया गया ताकि नागरिक हानि से बचा जा सके
सोशल मीडिया पर इस ऑपरेशन को लेकर जनता ने भारतीय सेना की जमकर तारीफ की है। कई यूजर्स ने “जय हिंद” और “भारत माता की जय” जैसे नारे लगाकर सेना के प्रति समर्थन जताया। हालांकि, कुछ लोगों ने भारत में मौजूद “आंतरिक गद्दारों” के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
यह ऑपरेशन भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।