रांची : झारखंड में डीजीपी पद के खाली होने को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला है। पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता में मरांडी ने कहा कि झारखंड दो दिनों से संवैधानिक रूप से डीजीपी विहीन है। साथ ही एसीबी, सीआईडी और पुलिस विभागों के प्रमुख पद भी रिक्त हैं, जो राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
मरांडी ने अनुराग गुप्ता द्वारा लिए जा रहे निर्णयों को “विधि विरुद्ध” करार दिया और आरोप लगाया कि एक भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोपी अधिकारी को राज्य की सुरक्षा व्यवस्था सौंपना जनविरोधी कदम है।
अनुराग गुप्ता पर गंभीर आरोप
मरांडी ने बताया कि 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता पर कई गंभीर आरोप हैं। उन्होंने बताया कि गुप्ता के खिलाफ 2000 में मगध विश्वविद्यालय थाना, बिहार में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से संबंधित IPC की कई धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था। उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते बिहार से उनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की भी मांग की गई थी।
हेमंत-गुप्ता की “साझेदारी” पर सवाल
मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने खुद अनुराग गुप्ता को 2020 से 2022 तक निलंबित रखा, लेकिन बाद में उन्हें झारखंड में ही फिर से नियुक्त कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नजदीकी ईडी मामलों को “मैनेज” करने और गवाहों पर दबाव डालने की रणनीति का हिस्सा है।
ईडी अधिकारियों पर केस और गवाहों पर कार्रवाई
मरांडी ने कहा कि अनुराग गुप्ता के कार्यकाल में ईडी के अधिकारियों पर केस दर्ज कराए गए, जिन्हें हाईकोर्ट ने रोक दिया। साथ ही, ईडी के गवाहों और सहयोग करने वाले अधिकारियों को जेल भेजा गया और उनके विरुद्ध झूठे केस दर्ज किए गए।
डीजीपी नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल
मरांडी ने झारखंड सरकार की डीजीपी नियुक्ति प्रक्रिया को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि सरकार ने UPSC की सिफारिश के बिना ही अनुराग गुप्ता को फरवरी में डीजीपी बना दिया, जबकि उन्हें 30 अप्रैल को रिटायर होना था। उन्होंने इसे “राजनीतिक फायदे” के लिए नियमों के साथ खिलवाड़ बताया।
कोयला चोरी और कानून व्यवस्था पर चिंता
उन्होंने कहा कि अनुराग गुप्ता के संरक्षण में कोयला चोरी में बेतहाशा वृद्धि हुई है। धनबाद क्षेत्र में प्रतिदिन 700–800 ट्रकों से कोयले की चोरी की जा रही है, लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है।
“तालीबानी” कानून व्यवस्था की आलोचना
मरांडी ने झारखंड की कानून व्यवस्था को “तालीबानी शासन” जैसा बताया और कहा कि हेमंत सरकार में सत्ता का खुला दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अविलंब नया डीजीपी नियुक्त करने की मांग की।
प्रेसवार्ता में भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और प्रवक्ता अजय साह भी उपस्थित थे।