नई दिल्ली: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक ट्रेनिंग कैंप की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले से जुड़े होने का संदेह पैदा कर रही हैं। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस कैंप को ‘जंगल मंगल कैंप’ के नाम से पहचाना है, जो पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मनसेहरा जिले के अतर सीसा कस्बे में स्थित है।
सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा
सैटेलाइट इमेज के जरिए इस आतंकी कैंप की पूरी संरचना का खुलासा हुआ है। कैंप में एक मस्जिद, लिविंग एरिया, विदेशी आतंकियों के लिए ट्रेनिंग जोन, गेस्ट मीटिंग हॉल और हथियारों की प्रैक्टिस के लिए एक बड़ा ग्राउंड मौजूद है। हैरानी की बात यह है कि इस कैंप के पास एक मिलिट्री एस्टेब्लिशमेंट बिल्डिंग भी है, जिससे पाकिस्तानी सेना और आईएसआई (ISI) की संलिप्तता पर सवाल उठ रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, इस कैंप में आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है और फिर उन्हें लॉन्च पैड पर तैनात किया जाता है। जंगल मंगल कैंप के फगला बीआर लोकेशन पर लश्कर के चीफ हाफिज सईद और आईएसआई के बड़े कमांडरों की बैठकें होने की जानकारी मिली है। सैटेलाइट कोऑर्डिनेट्स के जरिए इस कैंप की लोकेशन को ट्रैक किया गया है, और भारतीय एजेंसियां इस पर लगातार नजर रख रही हैं।
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। मृतकों में महाराष्ट्र के 6, कर्नाटक और गुजरात के 3-3, पश्चिम बंगाल के 2, उत्तर प्रदेश के 1, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के 1-1 पर्यटक शामिल थे। इसके अलावा नेपाल के एक नागरिक और एक स्थानीय व्यक्ति की भी मौत हुई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि जंगल मंगल कैंप में ट्रेनिंग लेकर ही आतंकियों ने पहलगाम हमले को अंजाम दिया। इस कैंप से मिले सबूतों ने एक बार फिर पाकिस्तान की धरती से संचालित आतंकी गतिविधियों पर सवाल खड़े किए हैं।
लश्कर-ए-तैयबा एक पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन है, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया और रूस ने आतंकी संगठन घोषित किया है। इसके संस्थापक हाफिज सईद को 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। भारत लंबे समय से सईद की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान के साथ प्रत्यर्पण संधि न होने के कारण यह संभव नहीं हो सका। हाल ही में, 2023 में भारत ने औपचारिक रूप से सईद के प्रत्यर्पण की मांग की थी।
जंगल मंगल कैंप के पास मिलिट्री एस्टेब्लिशमेंट की मौजूदगी ने एक बार फिर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े आतंकी कैंप का संचालन बिना स्थानीय प्रशासन और सेना की जानकारी के संभव नहीं है। हाल ही में अमेरिका ने लश्कर से जुड़े दो नेताओं—नजीर अहमद चौधरी और मुहम्मद हुसैन गिल—को वैश्विक आतंकी घोषित किया है, साथ ही लश्कर के कई उपनामों को अपनी आतंकी सूची में शामिल किया है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं और PoK में मौजूद इस कैंप पर लगातार नजर रख रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस खुलासे के बाद भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ सबूत पेश कर सकता है।
पहलगाम हमला एक बार फिर कश्मीर में शांति की राह में बड़ी बाधा बनकर सामने आया है। इस घटना ने न केवल स्थानीय पर्यटन को प्रभावित किया है, बल्कि क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की जरूरत को रेखांकित किया है।