रांची : लातेहार, झारखंड: झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड अंतर्गत जमीरा गांव के निवासी विनोद यादव (पिता: दशरथ यादव) की बीते शनिवार, 3 मई 2025 को गुजरात के भरूच जिले के दहेज थाना क्षेत्र में एक हादसे में आकस्मिक मौत हो गई। विनोद यादव मजदूरी के लिए गुजरात गए थे, लेकिन उनकी मौत के बाद उनका शव अभी भी दहेज में ही पड़ा है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे शव को अपने पैतृक गांव लाने में असमर्थ हैं और अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रातुल शाहदेव ने इस मामले को उठाते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल से अपील की है कि विनोद यादव के शव को लातेहार लाने में सहायता प्रदान की जाए। प्रातुल ने अपने पोस्ट में बताया कि मृतक के बड़े भाई का मोबाइल नंबर 9973701032 है, जिसके जरिए उनसे संपर्क किया जा सकता है। पोस्ट में लातेहार जिला प्रशासन, लातेहार पुलिस, झारखंड सीएमओ और भरूच जिला प्रशासन को भी टैग किया गया है ताकि इस मामले में तत्काल कार्रवाई हो सके।
यह मामला झारखंड से पलायन कर अन्य राज्यों में मजदूरी करने वाले श्रमिकों की दयनीय स्थिति को उजागर करता है। हाल ही में दिसंबर 2024 में दहेज में ही गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स लिमिटेड (GFL) के एक प्लांट में जहरीली गैस रिसाव की घटना में चार मजदूरों की मौत हुई थी, जिनमें एक मजदूर झारखंड का ही था। उस घटना ने भी औद्योगिक सुरक्षा मानकों और प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे।
झारखंड सरकार ने 2021 में “सुरक्षित और जिम्मेदार पलायन पहल” (SRMI) शुरू की थी, जिसके तहत प्रवासी मजदूरों का एक डेटाबेस तैयार करने और उनकी सुरक्षा व कल्याण के लिए नीतियां बनाने की बात कही गई थी। हालांकि, इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि अभी भी इस दिशा में काफी काम बाकी है।
विनोद यादव के परिवार की आर्थिक तंगी और शव को गांव लाने में उनकी असमर्थता ने एक बार फिर प्रवासी मजदूरों के सामने आने वाली चुनौतियों को सामने ला दिया है। अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन इस मामले में कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करते हैं।