नई दिल्ली:पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच रामबन स्थित चिनाब नदी पर बने बगलिहार डैम के दो गेट खोले गए.पीएम मोदी सरकार पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक सधे हुए और सख्त कदम उठा रही है। पाकिस्तान पहले ही सर्जिकल और एयर स्ट्राइक से मिले जख्मों को सहला रहा है। इस बीच वाटर स्ट्राइक ने पाकिस्तान के जख्म फिर से हरे कर दिए हैं। अब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी वाटर स्ट्राइक को अंजाम दिया है। बगलियार और सलाल बांध के जलप्रवाह द्वारा गुरुवार को खोल दिए गए, जिससे पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई।वहीं, इस बीच चिनाब नदी पर बने रियासी के सलाल बांध की लेटेस्ट फोटो सामने आई है। बांध के 3 गेट खुले दिखाई दे रहे हैं।
उसके सीमावर्ती इलाकों में उसकी सैन्य गतिविधियां भी इससे प्रभावित हुई हैं। बीते पांच दिनों में यह दूसरा अवसर है, जब भारत ने उस पर वाटर स्ट्राइक की है। इससे पूर्व रविवार को भारत सरकार ने चिनाब का जल प्रवाह रोक दिया था, जिससे पाकिस्तान में सूखे की स्थिति पैदा होने के साथ ही उसकी विभिन्न जलविद्युत परियोजनाएं बंद हो गई थी।
दरअसल रामबन में बगलिहार डैम, रियासी में सलाल डैम और कश्मीर में किशनगंगा बांध भारत को पानी छोड़ने के समय को रेगुलेडेट करने की क्षमता प्रदान करते हैं। पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की हत्या के बाद भारत ने दशकों पुरानी संधि को निलंबित करने का फैसला किया है। विश्व बैंक की ओर से मध्यस्थता की गई सिंधु जल संधि ने 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के उपयोग को नियंत्रित किया था। पाकिस्तान ने अतीत में विश्व बैंक की मध्यस्थता की मांग की थी। चंदरकोट के पास रामबन जिले में बगलिहार बांध दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है
सिंधु जल समझौते के तहत चिनाब का जलप्रवाह रोकने या चिनाब पर बने बांधों से अचानक पानी छोड़ने से पहले पाकिस्तान को सूचित किया जाता था। अब यह संधि स्थगित कर दी गई है ,इसलिए अब उसे सूचित नहीं किया जा रहा है और भारत जब चाहे पाकिस्तान में सूखे और बाढ़ की स्थिति पैदा कर सकता है।