नई दिल्ली:बिहार चुनाव में अब 6 महीने का वक्त शेष है लेकिन सीट बंटवारे को लेकर अभी से बिसात बिछ चुकी है. तेजस्वी यादव के नाम पर कांग्रेस से जिस तरह अपने पत्ते छिपाए हैं, वह महागठबंधन में ज्यादा विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की कांग्रेस की प्लानिंग का एक हिस्सा हो सकता है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आरजेडी से 70 सीट लिए थे, हालांकि इसमें केवल 19 पर ही कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी
बिहार में कांग्रेस के सबसे पुराने सहयोगी के रूप में जानी जाने वाली आरजेडी भी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है। आरजेडी – कांग्रेस की बैठक खरगे के आवास पर होने की उम्मीद है। 20 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष खरगे द्वारा बिहार के बक्सर जिले में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने की भी उम्मीद है। बिहार में कांग्रेस के नए प्रभारी कृष्णा अल्लावरु खुले तौर पर कह चुके हैं कि तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट बनाया जाने पर कोई भी फैसला महागठबंधन में शामिल दलों की बैठक में सामूहिक सहमति से लिया जाएगा. अल्लावरु के मुताबिक, महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री का कोई चेहरा जरूरी है या नहीं इस पर भी फैसला घटक दलों के साथ मिल बैठकर सबकी सहमति से होगा. जाहिर है कांग्रेस फिलहाल तेजस्वी के चेहरे कर अपने पत्ते खोलने से बच रही है. तेजस्वी के चेहरे को लेकर बिहार कांग्रेस प्रभारी का ये बयान दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ हुई बैठक के ठीक बाद आया. इसकी टाइमिंग को लेकर भी सियासी गलियारे में चर्चा है.