नई दिल्ली:सरकार लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन बिल पेश करने जा रही है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है। सरकार की योजना है कि यह बिल लोकसभा से पारित हो जाए। संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट के आधार पर संशोधित वक्फ विधेयक को पेश किया जाएगा। इस बिल को पेश करने की जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह ने खुद उठाई है। शाह ने इस बिल को लेकर एनडीए के सहयोगी दलों से समर्थन जुटाने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं, खासकर बिहार में जदयू और लोजपा के नेताओं से मुलाकात की है।लोकसभा में 542 सदस्य हैं और बहुमत का आंकड़ा 272 है। 240 सदस्यों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। एनडीए की कुल संख्या 293 है जो बिल पारित कराने के लिए जरूरी 272 से कहीं अधिक है। इंडिया ब्लॉक में शामिल सभी दलों की संख्या 233 है। आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल जैसे कुछ किसी गठबंधन में नहीं हैं। कुछ निर्दलीय सांसद भी हैं जो किसी भी गठबंधन के साथ शामिल नहीं हैं।
वहीं, राज्यसभा में इस समय 236 सदस्य हैं। इसमें बीजेपी की संख्या 98 है। एनडीए में सदस्यों की संख्या 115 के आसपास है। 6 मनोनीत सदस्य हैं। अगर मनोनीत सदस्यों को भी जोड़ लें, क्योंकि ये आम तौर पर सरकार के पक्ष में ही मतदान करते हैं तो नंबरगेम में एनडीए 121 तक पहुंच जाता है। यह संख्या विधेयक पारित कराने के लिए जरूरी 119 से दो अधिक है। ऐसे में देखा जाए तो आंकड़ों का खेल सत्ताधारी दल के पास है, लेकिन एनडीए के लिए सबकुछ इतना आसान नहीं है।
जदयू के प्रमुख नेता ललन सिंह और संजय झां के साथ बैठक में शाह ने वक्फ बिल पर चर्चा की, और यह संकेत दिया कि बिहार में बीजेपी के अहम सहयोगी दल लोजपा भी इस बिल के समर्थन में है। वहीं, एनडीए के एक अन्य सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने भी वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करने का फैसला किया है। टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन ने बताया कि उनकी पार्टी इस बिल के पक्ष में है और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पहले ही मुसलमानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसका समर्थन किया है।
चंद्राबाबू नायडू की TDP ने किया समर्थन
एनडीए में दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी टीडीपी ने संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने का ऐलान किया है। टीडीपी के लोकसभा में 16 सांसद हैं। पहले यह संभावना जताई जा रही थी टीडीपी वक्फ बिल पर न्यूट्रल रहकर दूरी बनाए रख सकती है। लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन ने आज बताया कि टीडीपी ने हमेशा मुसलमानों के हितों का ख्याल किया है और सीएम नायडू पहले ही कह चुके हैं कि हम मुसलमानों की हर हित की रक्षा करेंगे। अब टीडीपी के ऐलान के बाद बिल के पास होने की उम्मीद बढ़ गई है। बिल के बारे में बोलते हुए प्रेम कुमार जैन ने कहा, ‘पूरा मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक के पेश होने का इंतजार कर रहा है। हमारी पार्टी इसका समर्थन करेगी। चंद्रबाबू नायडू पहले ही कह चुके हैं कि हम मुस्लिम समुदाय के हितों के लिए काम करेंगे। कल बिल पेश किया जाएगा, उसके बाद ही हम इस पर कोई टिप्पणी करेंगे। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि चंद्रबाबू नायडू मुसलमानों के पक्ष में हैं।’
वक्फ संशोधन विधेयक का क्या है मकसद?
वक्फ संशोधन विधेयक, जिसे ‘यूनिफाइट वक्स मैनेजमेंट, एम्पॉवरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट (यूएमईईडी) विधेयक’ भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य डिजिटलीकरण, इनहैंस ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों को लागू करके प्रमुख चुनौतियों का समाधान करना है। वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने के लिए बनाए गए वक्फ अधिनियम 1995 की लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है।